Select Language

Search Here

जन लोकपाल बिल क्या है

 देश में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अन्ना हजारे ने जान लोकपाल बिल की मांग की जिसके समर्थन में देश की जनता ने पूरा सहयोग किया जन लोकपाल बिल को पारित करने के लिए समाज सेवी अन्ना हजारे जंतर मंतर पर आमरण आसान पर बैठ गए आइये जानते है आखिर ये जन लोकपाल बिल है क्या और इसकी मांग क्यों की गयी 
जन लोकपाल के लिए न्यायाधीश संतोष हेगड़े जी , प्रशांत भूषण जी तथा  अरविंद केजरीवाल जी  द्वारा बनाया गया यह विधेयक भारत की जनता द्वारा  वेबसाइट पर दी गई जनता की प्रतिक्रिया और देश की जनता के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है एक बिल है जिसमे भ्रष्टाचार को ख़तम करने के लिए कुछ नियमो और कानूनों को सम्मिलित किया गया है और हर राज्य में एक राज्यपाल नियुक्त किया जाये यह प्रस्ताव रखा । इस बिल को शांति भूषण जी , जे एम लिंग्दोह जी , किरन बेदी जी  और समाज सेवी अन्ना हजारे आदि का समर्थन प्राप्त है। इस बिल की प्रति प्रधानमंत्री एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजा गयी थी। 
1. इस कानून (जन लोकपाल बिल ) के अंतर्गत, केंद्र में एक लोकपाल और प्रत्येक राज्य में लोकायुक्त का गठन होगा।
2. जन लोकपाल बिल की ये संस्था भारत के निर्वाचन आयोग और देश के सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी। तथा कोई भी मंत्री , नेता या सरकारी अधिकारी इसकी  जांच की प्रक्रिया को किसी भी प्रकार प्रभावित नहीं कर पाएगा।
3. और दोसी पाए गए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कई सालों तक  कोई भी मुकदमा लम्बित नहीं रहेंगे। ऐसे  किसी भी मुकदमे की जांच एक साल के भीतर पूरी करनी होगी। और भ्रष्ट मंत्रियो , नेताओ  , अधिकारी या  न्यायाधीश को दो साल के भीतर जेल भेजा जाएगा।
4. दोषी पर अपराध सिद्ध होने के बाद भ्रष्टाचारियों के द्वारा सरकार को हुए घाटे को दोषी से वसूल किया जाएगा।
5. जन लोकपाल बिल कानून  आम नागरिक की कैसे मदद करेगा यदि किसी भी नागरिक का कोई काम तय समय सीमा में पूरा  नहीं होता हे , तो उस राज्य का गठित लोकपाल जिम्मेदार अधिकारी पर जुर्माना लगाएगा और वह जुर्माना शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में प्राप्त होगा।
6. अगर किसी नागरिक का राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या पासपोर्ट आदि निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं बनता है या पुलिस के द्वारा आपकी शिकायत दर्ज नहीं की जाती हे तो आप इसकी शिकायत लोकपाल से कर सकते हैं तथा उसे ये काम एक माह  के भीतर पूरा  कराना होगा।  कोई भी नागरिक किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से कर सकता है सकता है जैसे मिलने वाले सरकारी राशन की कालाबाजारी , सड़क के  निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी होना , पंचायत निधि का दुरुपयोग होना । किसी भी लोकपाल को शिकायत की जांच एक साल में  पूरी करनी होगी। तथा केश सुनवाई अगले एक साल में पूरी करनी होगी और किसी भी दोषी को दो साल के भीतर जेल भेजना होगा।
7. क्या सरकार भ्रष्ट लोगों को जन लोकपाल का सदस्य नहीं बनाना चाहेगी?
इस मुमकिन नहीं है क्योंकि लोकपाल के सदस्यों का चयन भारत के न्यायाधीशों, नागरिकों और संवैधानिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा न कि किस  नेताओं के समूह के द्वारा।लोकपाल की नियुक्ति पूर्ण रूप से पारदर्शी तरीके से और जनता की भागीदारी से की जाएगी।
8. लोकपाल में कार्यरत अधिकारी भ्रष्ट पाए जाते है तो?
लोकपाल / लोकायुक्तों का सम्पूर्ण  कामकाज पूरी तरह पारदर्शी  से होगा। लोकपाल के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिलने  पर उसकी जांच अधिकतम दो महीने में पूरी करके उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा।
9. वर्तमान में मौजूदा भ्रष्टाचार निरोधक संस्थानों का क्या होगा?
सी.वी.सी., विजिलेंस विभाग तथा सीबीआई और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (अंटी कारप्शन डिपार्टमेंट) का भी लोकपाल में ही विलय कर दिया जाएगा। किसी भी लोकपाल को किसी भी न्यायाधीश, नेता या किसी अधिकारी के खिलाफ जांच करने व मुकदमा चलाने के लिए पूर्ण शक्ति प्राप्त होगी

No comments:

Post a Comment

Menu Bar

Website Visiters

Join Knowledge Word Community

Get Knowledge Word On Mobile

Get Knowledge Word On Mobile
Scan This Code By Your Mobile and Get Letest Notifications of Knowledge Word