भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में अपने बहुत से वीरो के बारे में पढ़ा और सुना होगा लेकिन अनन्त लक्ष्मण कान्हेरे एक ऐसे बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे जिनके बारे में सायद ही आपको जानकारी हो, अनंत लक्ष्मण कान्हेरे भारत के युवा क्रांतिकारियों में से एक थे। उन्हें देश की आज़ादी के लिए शहीद होने वाले युवाओं में गिना जाता है। अनन्त कान्हेरे का जन्म 7 जनवरी 1892 को मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर नमक शहर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पूर्वज रत्नागिरी ज़िले के निवासी थे जो महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा इंदौर में ही हुई थी। प्रारम्भिक शिक्षा के बाद अपनी आगे की शिक्षा के लिए अनन्त कान्हेरे अपने मामा के पास औरंगाबाद चले गए। और आगे की शिक्षा वही से पूरी की, गणेश सावरकर ने 1909 ई. में ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ एक लेख लिखा, इस लेख के कारण गणेश सावरकर को ब्रिटिश गवर्मेंट ने उम्र कैद की सज़ा हुई थी। ब्रिटिश गवर्मेंट के इस फैसले से भारतीय क्रांतिकारियों में उत्तेजना पैदा हो गई। प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर अनंत लक्ष्मण कन्हेरे ने 21 दिसम्बर, 1909 ई. को महज 18 साल की उम्र में नासिक के कलेक्टर जैक्सन की गोली मारकर हत्या कर दी। जैक्सन की हत्या के मामले में अनंत लक्ष्मण कन्हेरे के साथ धोंडो केशव कर्वे और विनायक देशपाण्डे को फ़ांसी की सज़ा हुई। जैक्सन की हत्या ने महाराष्ट्र की भारतीय क्रांति के साथ साथ नासिक के इतिहास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जैक्सन की हत्या के अपराध में अनंत लक्ष्मण कन्हेरे को बॉम्बे कोर्ट में पेश किया गया और 19 अप्रैल, 1910 को अनंत लक्ष्मण कन्हेरे को ठाणे जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया।
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अनन्त लक्ष्मण कन्हेरे इस क्रन्तिकारी को मात्र 19 साल की उम्र में फासी डे डी गयी थी ( Anant Laxman Kanhere Unsung Indian Hero, Unsung Freedom Fighter)
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