AQI का मतलब है Air Quality Index (वायु गुणवत्ता सूचकांक)। यह एक माप है जो वायु की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है और यह बताने में मदद करता है कि वर्तमान वायु कितनी शुद्ध या प्रदूषित है और इससे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
AQI के प्रमुख घटक
AQI को निर्धारित करने के लिए कई वायु प्रदूषकों को मापा जाता है, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
1. PM2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5): ये छोटे कण होते हैं जो सांस के साथ फेफड़ों में जा सकते हैं।
2. PM10: ये बड़े कण होते हैं, जो नाक और श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
3. SO₂ (सल्फर डाइऑक्साइड): यह कोयला और तेल जलने से उत्सर्जित होता है।
4. NO₂ (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड): यह वाहनों और औद्योगिक प्रक्रियाओं से निकलता है।
5. CO (कार्बन मोनोऑक्साइड): यह ईंधन के अधूरे जलने से बनता है।
6. O₃ (ओजोन): यह पृथ्वी की सतह के पास सूर्य की किरणों के साथ रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनता है।
AQI के स्तर और उनके स्वास्थ्य प्रभाव
AQI को आमतौर पर 6 श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जो स्वास्थ्य पर प्रभाव के अनुसार रंग-कोडित होती हैं:
AQI की गणना
AQI की गणना प्रत्येक प्रदूषक के लिए निर्धारित मानकों के आधार पर की जाती है। इसका उद्देश्य जनता को सरल और समझने योग्य तरीके से जानकारी प्रदान करना है ताकि लोग अपनी गतिविधियों को वायु गुणवत्ता के अनुसार समायोजित कर सकें।
AQI का महत्व
1. स्वास्थ्य सुरक्षा: यह सूचित करता है कि वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
2. नीतिगत निर्णय: सरकारें वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए नीतियाँ बना सकती हैं।
3. जन जागरूकता: AQI से लोग प्रदूषण की गंभीरता को समझ सकते हैं।
AQI को कैसे चेक करें?
आप AQI की जानकारी मोबाइल ऐप्स, सरकारी वेबसाइटों (जैसे SAFAR) या समाचार स्रोतों से प्राप्त कर सकते हैं।
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