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एंथ्रोपिक और लेखकों के बीच ऐतिहासिक कॉपीराइट समझौता | Anthropic and Authors’ Historic Copyright Settlement

Copyright Violation
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के तेजी से बढ़ते युग में “डेटा” एक नई मुद्रा बन गया है। लेकिन जब यह डेटा बिना अनुमति उपयोग होता है, तो यह कॉपीराइट उल्लंघन (Copyright Violation) बन जाता है।

हाल ही में अमेरिकी एआई कंपनी Anthropic और हजारों लेखकों के बीच एक ऐसा ही ऐतिहासिक समझौता (Historic Settlement) हुआ है, जिसने पूरी एआई इंडस्ट्री को हिला दिया।

इस केस में Anthropic को लगभग $1.5 बिलियन (₹12,500 करोड़) का जुर्माना/मुआवजा देना पड़ा।
यह अब तक का सबसे बड़ा कॉपीराइट समझौता माना जा रहा है।


 ReferenceThe Leaflet - Bartz v. Anthropic Case Summary

मुकदमे की पृष्ठभूमि | Background of the Lawsuit

एंथ्रोपिक (Anthropic) एक अमेरिकी AI कंपनी है, जो “Claude” नामक प्रसिद्ध चैटबॉट बनाती है।
कंपनी पर आरोप था कि उसने अपनी AI ट्रेनिंग के लिए 70 लाख (7 million) पायरेटेड किताबें (Pirated Books) डाउनलोड कीं।
इन किताबों को LibGen और Pirate Library Mirror जैसी वेबसाइटों से लिया गया था, जो कॉपीराइट उल्लंघन के लिए कुख्यात हैं।

इन किताबों में हजारों प्रसिद्ध अमेरिकी और यूरोपीय लेखकों की रचनाएँ शामिल थीं।

लेखकों का आरोप था कि उनकी किताबों का इस्तेमाल बिना अनुमति (Without Consent) उनके एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने में किया गया।

ReferenceAmar Ujala - Anthropic Settles AI Copyright Case

न्यायालय का फैसला | Court’s Verdict

अमेरिकी अदालत ने इस मुकदमे में एक अहम फैसला सुनाया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “Fair Use” (न्यायोचित उपयोग) का सिद्धांत केवल वैध रूप से खरीदी गई किताबों पर लागू होता है।
पायरेटेड या अवैध रूप से डाउनलोड की गई सामग्री पर यह लागू नहीं होगा।

यह फैसला एआई ट्रेनिंग से जुड़े डेटा एथिक्स (Data Ethics) और कॉपीराइट अनुपालन (Copyright Compliance) के लिए एक बड़ा उदाहरण बना।

ReferenceIndia Today - AI Copyright Ruling Explained

समझौते की मुख्य शर्तें | Key Terms of the Settlement

  • कुल मुआवजा राशि (Total Compensation): $1.5 Billion (लगभग ₹12,500 करोड़)
  • प्रत्येक लेखक को (Per Author): $3,000 (₹2.5 लाख) प्रति पुस्तक
  • कुल प्रभावित लेखक (Affected Authors): लगभग 500,000 लेखक
  • डेटा विनाश (Data Deletion): Anthropic को सभी पायरेटेड किताबों और उनके डेटासेट को स्थायी रूप से नष्ट (Permanently Delete) करना होगा।
  • भविष्य के लिए प्रतिबंध (Future Ban): यह समझौता अगस्त 2025 तक की गतिविधियों के लिए लागू होगा; इसके बाद कोई छूट नहीं दी जाएगी।

ReferenceBBC News - AI Firm Anthropic Agrees to Pay Authors $1.5B

लेखकों की प्रतिक्रिया | Reaction of the Authors

लेखकों के संगठनों ने इस फैसले को “Historic Victory for Writers” (लेखकों के लिए ऐतिहासिक जीत) बताया।
उनका कहना है कि यह फैसला मानव रचनात्मकता (Human Creativity) और लेखकीय अधिकारों (Authors’ Rights) की रक्षा करेगा।

कई लेखकों ने यह भी कहा कि अब AI कंपनियों को लाइसेंस प्राप्त सामग्री (Licensed Content) के प्रयोग की ओर बढ़ना होगा।

ReferenceIndian Express - Anthropic Lawsuit Explained

विशेषज्ञों की राय | Experts’ Opinions

टेक्नोलॉजी और कानून विशेषज्ञों का मानना है कि यह सजा “Warning Bell for AI Companies” है।
हालाँकि, Anthropic की मार्केट वैल्यू $183 बिलियन है, इसलिए यह मुआवजा उनके लिए केवल 1% नुकसान है।

इससे यह सवाल उठता है कि क्या कंपनियाँ इसे “Cost of Doing Business” समझकर आगे भी जोखिम उठाएँगी?
या फिर सच में अब एआई कंपनियाँ कानूनी और नैतिक मानदंडों का पालन करना शुरू करेंगी?

ReferenceLinkedIn Post by Dr. Jeffrey Funk

AI इंडस्ट्री पर प्रभाव | Impact on the AI Industry

यह समझौता अन्य AI कंपनियों के लिए भी एक कानूनी मिसाल (Legal Precedent) बन गया है।
अब OpenAI, Google DeepMind, Meta, और Amazon जैसी कंपनियों को अपने ट्रेनिंग डेटा की ट्रांसपेरेंसी (Transparency) और लाइसेंसिंग (Licensing) सुनिश्चित करनी होगी।

कई कंपनियाँ अब अपने डेटा सोर्सेज को वैध बनाने के लिए बीमा (AI Copyright Insurance) लेने की कोशिश कर रही हैं।
लेकिन बीमा कंपनियाँ अभी इतने बड़े जोखिमों को कवर करने के लिए तैयार नहीं हैं।

ReferenceMedianama - Anthropic Copyright Settlement Details

वैश्विक प्रभाव और भारत की स्थिति | Global Impact and India’s Stand

इस केस ने भारत जैसे देशों को भी कॉपीराइट कानूनों को AI के संदर्भ में मजबूत करने की दिशा में सोचने पर मजबूर किया है।
भारत में अब DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) इस विषय पर नई नीतियाँ बना रहा है।

References
Drishti IAS - Generative AI and Copyright Issues
Asia IP Law - Bollywood and Copyright Law in AI

नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी | Ethical and Legal Responsibility

यह केस एआई कंपनियों को यह याद दिलाता है कि

"तकनीक जितनी शक्तिशाली हो, उतनी ही जिम्मेदारी के साथ उसका उपयोग होना चाहिए।"

AI कंपनियों को अब अपने मॉडल ट्रेनिंग डेटा को लेकर पारदर्शिता (Transparency) और जवाबदेही (Accountability) अपनानी होगी।

एंथ्रोपिक बनाम लेखकों का यह मामला सिर्फ एक कानूनी विवाद नहीं, बल्कि यह मानव सृजन और मशीन लर्निंग के बीच संतुलन (Balance) की आवश्यकता को उजागर करता है।

इससे यह साफ है कि:

“AI को मानव रचनात्मकता की नकल नहीं, बल्कि उसका सम्मान करना सीखना होगा।”

यह फैसला आने वाले वर्षों में एआई इंडस्ट्री के लिए नैतिकता और कॉपीराइट संरक्षण (Ethics and Copyright Protection) का नया अध्याय लिखेगा।

स्रोत (References):

  1. The Leaflet – Bartz v. Anthropic
  2. BBC News – Anthropic to Pay $1.5B
  3. Amar Ujala – Tech Diary Report
  4. Indian Express – Explained Global
  5. Medianama – Copyright Lawsuit Summary
  6. Drishti IAS – Generative AI and Copyright Issues

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