भारत का रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम: स्वदेशी स्वॉर्म ड्रोन स्ट्राइक फोर्स (CLRTS/D) की मंज़ूरी (India Approves Collaborative Long Range Target Saturation/Destruction System – A New Era of Autonomous Warfare)
परिचय | Introduction: CLRTS/D और भारत का नया स्वदेशी स्वॉर्म ड्रोन सिस्टम
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने Collaborative Long Range Target Saturation/Destruction System (CLRTS/D) को मंजूरी दी है, जो देश का पहला स्वदेशी स्वॉर्म ड्रोन स्ट्राइक सिस्टम (Indigenous Swarm Drone Strike Force) होगा। यह सिस्टम भारतीय वायुसेना को स्वायत्त (Autonomous) और लंबी दूरी की (Long Range) मिशन क्षमता प्रदान करेगा।
इस परियोजना का लक्ष्य भारत की Offensive Doctrine को तकनीकी रूप से आधुनिक बनाना है, ताकि देश AI-Driven Autonomous Swarm Attack कर सके, जो 1100 किमी से अधिक दूरी तक दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम होगा।
तकनीकी संरचना | Technical Architecture
CLRTS/D System को अत्याधुनिक AI (Artificial Intelligence), Networking और Mission Adaptation तकनीकों से सुसज्जित किया गया है।
- Propulsion System: स्वदेशी टर्बोजेट (Indigenous Turbojet) और हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक इंजन
- Navigation: INS/IRNSS सिस्टम, DSMAC दृश्य मिलान तकनीक
- Communication: Encrypted LOS और BLOS डेटा लिंक
- Payload Distribution:
- 80% ड्रोन — Combat Payload (Top Attack, Loiter-Penetration, Grid Disruption)
- 20% ड्रोन — ISR (Intelligence, Surveillance, Reconnaissance)
मिशन प्लानिंग और नियंत्रण | Command and Mission Planning
- AI आधारित Pre-Mapping System लक्ष्य क्षेत्र और भूगोल के अनुसार मिशन तैयार करता है।
- मिशन के दौरान ड्रोन Real-Time Data Sharing करते हैं और Autonomous Re-Targeting कर सकते हैं।
- यदि कुछ ड्रोन क्षतिग्रस्त हो जाएं, तो शेष ड्रोन स्वतः मिशन को पुनर्गठित कर आगे बढ़ते हैं।
विकास और निर्माण | Development and Manufacturing
यह परियोजना DRDO’s Aeronautical Development Establishment (ADE) के नेतृत्व में चलाई जा रही है।
मुख्य भागीदार:
- HAL – Airframe और Propulsion
- BEL – Communication और Encryption
- Private Partners: Tata Advanced Systems, Paras Defence, NewSpace Research, Adani Defence Systems
Testing Range: एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज, चित्रदुर्ग (Aeronautical Test Range, Chitradurga)
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में | Indigenous and Strategic Significance
यह प्रोजेक्ट मई 2025 में पाकिस्तान के साथ हुई ड्रोन झड़पों से मिले सबक का परिणाम है। इसका उद्देश्य भारत को Network-Centric Warfare में आत्मनिर्भर बनाना है।
भविष्य में इसका उन्नत संस्करण Hypersonic Loitering Drone के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
समानांतर रक्षा प्रणाली | Parallel Defence Development
इसके साथ भारत ने Bhargavastra System भी विकसित किया है — एक Hard-Kill Counter-Swarm Weapon, जो 20 मीटर क्षेत्र में दुश्मन ड्रोन स्वॉर्म को नष्ट कर सकता है।
यह प्रणाली Micro-Rockets और Guided Micro-Missiles का प्रयोग करती है।
भारत की नई युद्ध रणनीति | India’s New Warfare Doctrine
CLRTS/D की सफलता के साथ भारत अब AI-Led, Multi-Layered, Autonomous Warfare की दिशा में अग्रसर है।
यह देश की Aatmanirbhar Bharat नीति का सशक्त उदाहरण है और भविष्य में भारत को विश्वस्तरीय रक्षा शक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
Q1. CLRTS/D क्या है?
यह भारत का स्वदेशी स्वॉर्म ड्रोन सिस्टम है जो लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों पर समन्वित हमला कर सकता है।
Q2. इस परियोजना को कौन विकसित कर रहा है?
DRDO, HAL, BEL और Tata Advanced Systems जैसे निजी साझेदार मिलकर इसे विकसित कर रहे हैं।
Q3. यह सिस्टम कितनी दूरी तक हमला कर सकता है?
लगभग 1100 किमी या उससे अधिक की दूरी तक।
Q4. क्या यह सिस्टम पूर्णतः स्वायत्त (Autonomous) है?
हाँ, मिशन के दौरान यह स्वयं निर्णय ले सकता है और लक्ष्य बदल सकता है।
Q5. क्या इसमें विदेशी तकनीक का उपयोग है?
नहीं, यह पूरी तरह स्वदेशी (Indigenous) तकनीक पर आधारित है।
Q6. इसका परीक्षण कहाँ हो रहा है?
चित्रदुर्ग के Aeronautical Test Range में।
Q7. क्या यह GPS के बिना काम कर सकता है?
हाँ, यह INS/IRNSS आधारित नेविगेशन सिस्टम पर चलता है।
Q8. इस प्रणाली में कितने ड्रोन शामिल होंगे?
सैकड़ों ड्रोन एक साथ नेटवर्क के रूप में काम करेंगे।
Q9. इसका भविष्य क्या है?
भविष्य में Hypersonic Loitering Drone संस्करण तैयार किया जाएगा।
Q10. क्या यह भारत की रक्षा रणनीति को बदलेगा?
हाँ, यह भारत की Autonomous Warfare Doctrine को नई दिशा देगा।

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