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UPI Update Gone Wrong: UPI Mapper Rule ने क्यों मचाई हलचल? (UPI Update Gone Wrong: Why “UPI Mapper Rule” Left Users Totally Confused)

यह खबर भारत की UPI (Unified Payments Interface) प्रणाली में हाल ही में किए गए बदलाव से जुड़ी है, जिसे NPCI (National Payments Corporation of India) ने लागू किया था। इस बदलाव का मकसद था उपयोगकर्ताओं को अधिक स्वतंत्रता देना — लेकिन यह अपडेट कई उपयोगकर्ताओं के लिए उल्टा पड़ गया और पूरे देश में भ्रम फैल गया।


📰 UPI Update Gone Wrong: UPI Mapper Rule ने क्यों मचाई हलचल?

(UPI Update Gone Wrong: Why “UPI Mapper Rule” Left Users Totally Confused)


🔍 UPI Mapper Rule क्या था? (What Was the UPI Mapper Rule?)

इस फीचर का उद्देश्य था कि यूजर्स किसी भी ऐप जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm या BHIM के साथ अपनी UPI ID लिंक कर सकें।
पहले, एक बार UPI ID किसी ऐप से जुड़ जाती थी तो उपयोगकर्ता उसी ऐप तक सीमित रहते थे।
इस नए नियम के तहत उपयोगकर्ता अपनी पसंद का ऐप चुन सकते थे — यानी डिजिटल पेमेंट्स में “Monopoly” खत्म करने की कोशिश।


⚠️ लेकिन यह अपडेट क्यों उल्टा पड़ गया? (Why Did It Backfire?)

  1. Multiple Notifications Problem

    • Payment apps ने यूजर्स को बार-बार नोटिफिकेशन भेजना शुरू कर दिया — “Make us your primary UPI app”।
    • कई यूजर्स बिना समझे “Yes” दबा देते थे, जिससे एक साथ कई ऐप्स से कन्फ्यूजिंग अलर्ट आने लगे।
  2. Server Overload Issue

    • अब हर ट्रांज़ेक्शन NPCI सर्वर के ज़रिए वैलिडेट होना था।
    • इससे server overload, delay और transaction failures जैसी दिक्कतें आने लगीं।
    • कई यूजर्स को पैसे “Pending” या “Failed” दिखने लगे जिससे डर और ग़लतफ़हमी फैली।

🏛️ NPCI का जवाब (NPCI’s Response)

  • देशभर में शिकायतें बढ़ने पर NPCI ने इस नियम को फिलहाल रोक दिया है।
  • सभी ऐप्स को “Primary App Selection” के नोटिफिकेशन भेजना बंद करने का निर्देश दिया गया है।
  • अब यह विकल्प सिर्फ ऐप की settings में दिखेगा, जिससे यूजर्स को परेशान न होना पड़े।

📊 क्यों यह मामला महत्वपूर्ण है? (Why Is This Significant?)

  • भारत में UPI ट्रांज़ेक्शन का 80% हिस्सा सिर्फ PhonePe और Google Pay के पास है।
  • NPCI का उद्देश्य था मार्केट को “democratize” करना, लेकिन यह प्रयोग यह दिखाता है कि उपयोगकर्ता की पसंद को नियम से नहीं, बल्कि अनुभव से बदला जा सकता है।
  • यह घटना बताती है कि डिजिटल फिनटेक नीतियों में पारदर्शिता और स्पष्टता कितनी जरूरी है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या अब UPI ऐप बदलना संभव है?
➡️ हां, लेकिन अभी “UPI Mapper” फीचर स्थगित है। आप सेटिंग्स में जाकर मैन्युअली ऐप चुन सकते हैं।

Q2. क्या इस बदलाव से मेरे ट्रांज़ेक्शन पर असर पड़ेगा?
➡️ नहीं, अब NPCI ने सभी ऐप्स को स्थिर व्यवस्था पर लौटने को कहा है। पेमेंट सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

Q3. क्या यह फीचर दोबारा आएगा?
➡️ संभव है, लेकिन NPCI ने कहा है कि इसे “User-Friendly” तरीके से दोबारा लागू किया जाएगा।


🔗 महत्वपूर्ण स्रोत (Important Resources)

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