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दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर तकनीकी खराबी: AMSS सिस्टम फेल होने से 150 उड़ानें प्रभावित (Technical glitch at Delhi IGI Airport: 150 flights affected due to AMSS system failure)

दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर ATC सिस्टम फेल: एक तकनीकी नजरिया (Technical Insight into Delhi IGI Airport ATC System Failure)

3 नवंबर 2025 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Airport - IGI Airport) पर एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी (technical fault) देखने को मिली।
इस समस्या ने Air Traffic Control (ATC) के संचालन को प्रभावित किया, जिसके कारण 150 से अधिक उड़ानों में देरी (flight delays) हुई।

यह घटना सिर्फ एक सामान्य तकनीकी गलती नहीं थी, बल्कि इसने यह दिखाया कि भारत का एविएशन सिस्टम (Indian Aviation System) अभी भी तकनीकी दृष्टि से कई सुधारों की आवश्यकता रखता है।

AMSS सिस्टम क्या है? (What is Automatic Message Switching System - AMSS?)

🔹 तकनीकी व्याख्या (Technical Explanation)

AMSS (Automatic Message Switching System) एक communication management system है जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को उड़ानों की जानकारी स्वचालित रूप से भेजता और प्राप्त करता है।

इसका मुख्य कार्य:

  1. Flight Plans Transmission:
    हर विमान के उड़ान मार्ग (flight route) और ऊंचाई से जुड़ी जानकारी को ATC तक पहुँचाना।

  2. Weather & Navigation Data:
    मौसम और रूट संबंधी डेटा को सभी संबंधित हवाई अड्डों तक पहुँचाना।

  3. AFTN (Aeronautical Fixed Telecommunication Network) से जुड़कर यह सिस्टम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ानों की जानकारी साझा करता है।

जब यह सिस्टम फेल हो जाता है, तो कंट्रोलर को हर डेटा मैन्युअल रूप से दर्ज करना पड़ता है — जिससे देरी (delay) और भ्रम (confusion) बढ़ जाता है।

तकनीकी कारण और प्रभाव (Technical Cause and Its Impact)

🔸 तकनीकी खराबी कैसे हुई?

जानकारी के अनुसार, AMSS के सर्वर में सॉफ्टवेयर ग्लिच (software glitch) आया, जिससे संदेशों का आदान-प्रदान रुक गया।
यह सिस्टम Airports Authority of India (AAI) द्वारा मेंटेन किया जाता है, और इसमें रीयल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग होती है।

🔸 प्रभाव (Impact on Operations)

  • 150 से अधिक उड़ानें विलंबित (delayed) हुईं।
  • IndiGo, Air India, और SpiceJet जैसी प्रमुख एयरलाइनों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
  • यात्रियों को लंबी कतारों और सूचना की कमी का सामना करना पड़ा।
  • ATC ने सभी flight plans को मैन्युअली तैयार करना शुरू किया, जिससे औसतन 45–53 मिनट तक की देरी हुई।

तकनीकी दृष्टिकोण से समझें (Understanding from a Technical Perspective)

तकनीकी तत्व (Technical Element) व्याख्या (Explanation)
System Type Automated data transmission network
Protocol Used AFTN & AMHS (Aeronautical Message Handling System)
Main Function Transmit flight data between ATC units
Failure Impact Manual operation, time delay, communication gap
Solution Server restoration, backup system activation

इस घटना से सीख (Lessons from the Incident)

  1. System Redundancy की आवश्यकता:
    AMSS को एक redundant backup सिस्टम की जरूरत है ताकि मुख्य सर्वर फेल होने पर भी डेटा ट्रांसफर चालू रहे।

  2. AI और Predictive Monitoring:
    यदि सिस्टम में AI आधारित fault prediction tools लगाए जाएं, तो संभावित गड़बड़ियों का पता पहले ही चल सकता है।

  3. Automation Testing & Upgrades:
    नियमित सॉफ्टवेयर अपडेट और stress testing से ऐसी घटनाओं की संभावना घटाई जा सकती है।

  4. Cyber Security Reinforcement:
    हालांकि यह साइबर अटैक नहीं था, परंतु नेटवर्क सुरक्षा (network security) को मजबूत करना अनिवार्य है।

डिजिटल परिवर्तन की दिशा (Towards Technological Modernization)

भारत के कई हवाई अड्डे अभी भी पुराने legacy systems पर निर्भर हैं।
AAI को अब cloud-based communication architecture, real-time backup servers, और machine learning आधारित alert systems की ओर बढ़ना चाहिए।

इससे न केवल operational efficiency बढ़ेगी बल्कि passenger experience भी बेहतर होगा।

यात्रियों के लिए सलाह (Passenger Advisory)

  1. एयरपोर्ट आने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति Airline Website/App पर जरूर जांचें।
  2. SMS और Email Alerts को सक्रिय रखें।
  3. भीड़ और देरी से बचने के लिए ऑनलाइन चेक-इन (Online Check-in) का उपयोग करें।

FAQs (सामान्य प्रश्न)

Q1. क्या यह साइबर अटैक था?
👉 नहीं, यह एक तकनीकी खराबी थी — सिस्टम मेंटेनेंस से जुड़ी गड़बड़ी के कारण।

Q2. AMSS और AMHS में क्या अंतर है?
👉 AMSS पुराना सिस्टम है जबकि AMHS (Aeronautical Message Handling System) उसका अपग्रेडेड वर्ज़न है जो आधुनिक डेटा प्रोटोकॉल्स पर काम करता है।

Q3. क्या अन्य हवाई अड्डों पर असर पड़ा?
👉 नहीं, यह गड़बड़ी सिर्फ दिल्ली ATC तक सीमित रही।

Q4. इस तरह की समस्या दोबारा न हो इसके लिए क्या उपाय हैं?
👉 Real-time redundancy, AI monitoring, और automated recovery protocols अपनाए जा सकते हैं।

Important Resource Links

दिल्ली IGI एयरपोर्ट की यह घटना हमें यह सिखाती है कि automation और digital systems पर बढ़ती निर्भरता के साथ-साथ system redundancy और AI monitoring भी उतने ही आवश्यक हैं।
यदि भारतीय हवाई यातायात प्रणाली (Indian Air Traffic System) को विश्वस्तरीय बनाना है, तो अब समय है कि हम modern aviation technology में तेज़ी से निवेश करें।

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