वास्तु और सेवा कर GST (Good and Service Tex) ये कर राज्यों के द्वारा 20 अधिक करो के बदले में लगाया जाने वाला एक कर है जो 1 जुलाई २०१७ से पुरे देश में लागू हो चूका है GST लगने के बाद कई बस्तुओ और सेवाओ पर से लगने वाला टेक्स ख़तम हो क्गया तो कई बस्तुओ और सेवाओ पर इसे लगाया भी गया है
आज हम जानेगे की GST भारत में केसे लागू हुआ और इसकी नीव कब और केसे राखी गयी GST के बारे में पूरी जानकारी को हम स्टेप टू स्टेप समझेगे
1993
कर विशेषज्ञ राजा जे0 चेलैया ने केन्द्रीय उत्पाद शुल्कों के अध्ययन का सुझाव दिया। अमेरेश बागची, एनआईपीएफपी ;छप्च्थ्च्द्ध मे तत्कालीन निर्देशक उन्होने राज्यों में एक समान कर व्यवस्था पर जोर दिया।
1999
पश्चिम बंगाल के तत्कालीन वित मंत्री असीम दासगुप्ता की अध्यक्षता में मुख्यमन्त्री के सम्मेलन में राज्य स्तर के वैट पर प्रस्ताव पर सहमति बनी।
2000
राज्य के वित मन्त्रियों की समिति का गठन किया गया।
2004
समिति को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत् पंजीकृत किया गया। असीम दासगुप्त को इस समिति का चेयरमैन बनाया गया।
तत्कालीन वित मन्त्री पी0 चिदम्बरम ने राज्यस्तर के वैट पर श्वेत-पत्र जारी किया। वैट को कई राज्यों द्वारा पेश किया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य इस नई शुरूआत में शामिल नहीं हुए।
2006
फरवरी
तत्कालीन वित मन्त्री पी0 चिदम्बरम ने बजट भाषण मंे जीएसटी का प्रस्ताव रखा इसके लिए 1 अप्रैल, 2010 की अन्तिम समय सीमा तय की गयी।
2007
फरवरी - चिदम्बरम ने कहा कि अधिकार प्राप्त समिति समय सीमा को ध्यान मे रखते हुए जीएसटी क्रियान्वयन के लिए केन्द्र के साथ मिलकर काम करेगी।
मई - वित मन्त्री के तत्कालीन सलाहकार पार्थसारथि शोम के साथ सुयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया गया।
नवम्बर - जेडब्ल्यूजी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी
2009
नवम्बर - समिति ने जीएसटी पर चर्चा पत्र सौंपा
दिसम्बर - केलकर ने नेतृत्व में 13वें वित आयोग के कार्यदल ने जीएसटी पर अपनी रिपोर्ट सौंपी।
2010
पहली समय सीमा खत्म जीएसटी लागू नहीं हो पाया वित मन्त्री प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी को अप्रैल 2011 तक के लिए स्थगित कर दिया।
2011
मार्च - लोक सभा में जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए संविधान (संशोधन) विधेयक पेश किया गया।
मई- राज्यों के वित मन्त्रियों की अधिकार प्राप्त समिति से असीमदास गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनावों में हार के बाद उन्होने ऐसा किया।
जुलाई - बिहार के तत्कालीन उपमुख्यमन्त्री सुशील मोदी को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
अगस्त - संसद के स्थायी समिति ने इस विधेयक से जुडी अपनी रिपोर्ट जमा कर दी।
2013
जून - बिहार मंे भाजपाजद(यू) का गठबंधन टूटने के बाद सुशील मोदी ने अधिकार प्राप्त समिति से इस्तीफा दे दिया
जुलाई -तत्कालीन जम्मू कश्मीर के वित मन्त्री अब्दुल रहीम को इस समिति का अध्यक्ष नियुत्क किया गया।
2014
मई - लोक सभा ने विधेयक पारित किया विधेयक राज्य सभा में पेश किया गया और उसे प्रवर समिति में भेजा गया।
जुलाई - प्रवर समिति की रिपोर्ट राज्य सभा मंे पेश की गई जिसमें वस्तुओं के एक राज्य से दूसरे राज्य मंे भेजे जाने पर लगने वाले अतिरिक्त एक प्रतिशत कर को खत्म करने की सिफारिश की गई कांग्रेस, एआईएडीएमके और माकपा ने इस पर असहमति दर्ज कराई।
मन्त्रीमंडल ने संशोधन किधेयक को पारित किया सरकार ने कांग्रेस के साथ इस मसले पर बातचीत जारी रखी।
नवम्बर - अपने गृहराज्य केरल में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते के0एम0 मणि ने अधिकार प्राप्त समिति से इस्तीफ दे दिया।
2015
दिसम्बर - मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाले पैनल ने जीएसटी से जुडी रिपोर्ट जमा करते हुए 17-18 प्रतिशत मानक दर की सिफारिश की।
फरवरी - पश्चिम बंगाल के मुख्यमन्त्री अमित मित्रा समिति के अध्यक्ष बने।
अगस्त - संसद ने जीएसटी के लिए 122वाँ संविधान संशोधन विधेयक पारित किया।
2016
18 अक्टूबर - जीएसटी परिषद् ने राज्यों के लिए मुआवजा फाॅर्मूला का फैसला किया।
3 नवम्बर जीएसटी परिषद् ने 4 स्लैब, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के साथ लक्जरी वस्तुओं पर उपकर लगाले पर सहमति दी।
23 दिसम्बर - जीएसटी परिषद् की बैठक में दो कानून पर सहमति बनी, लेकिन दोहरा नियन्त्रण मतभेद का मसला बना रहा।
जनवरी - जीएसटी की तारीख टलकर 1 जूलाई हो गई, लेकिन दोहरे नियन्त्रण और समुन्द्र के जरिए जाने वाले कर अधिकार जैसे विवाद पर सहमति बनी।
फरवरी - जीएसटी परिषद् ने मसौदा मुआवजा बिल को दिया अन्तिम रूप से
मार्च - लेक सभा ने 4 जीएसटी बिल पारित किए 5 नियमों को मंजूरी कुछ विशेष दरों के फैसले के लिए अगली बैठक 18-19 मई को तय इुई।
2017
मई - जीएसटी परिषद् ने चार कर स्लैब में से एक में 1200 वस्तुओं को शामिल किया
जून - जीएसटी मध्य रात्रि से देशभर में लागू हो गया। और 1 जुलाई २०१७ से GST पूरे देश में पूर्ण रूप से लागू हो गया
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