जुडो को खेलने की कुछ नियम है जुडो को जब खेल की दृष्टी से खेला जाता है तब इसमें खतरनाक दावो का प्रयोग नहीं किया जाता है कम से कम माध्यम वर्ग तक हाँ चलेंज देकर ओपन जुडो सुपर हेवीवेट में दो खिलाडियों की राजमंजी से सब तरह के दावो का प्रयोग किया जा सकता है इसके अतिरिक्त ओलंपिक जुडो कुश्ती नियमो के मुताबित जुडो खेलने की तीन वर्ग है
1. नागेवाजा (फेकना)
2. कतामेबाजा (पकड़ना)
3. अतेभिवाजा (पीटना)
इन तीनो में तीसरा अतेभिवाजा का निषेध है क्युकी इसके अंतर्गत वे सभी दाव आते है जो खेल भावना के विपरीत होते है जुडो की पोशाक के बारे में हम पहले ही बता चुके है मैदान दोनों खिलाडी आकर पहले दोनों निर्णयको तथा एक रेफ्री को अभिवादन कर फिर एक दुसरे के सामने खड़े होकर पहले झुककर अभिवादन करते है बाद में पीछे हटकर रेफ्री के इशारे पर लड़ने के लिए आगे आते है दोनों खिलाडी आगे बढ़कर एक हाथ में बाह के पास पोशाक पकड़ते है और तभी एक दुसरे को दाये-बाये आगे पीछे हाथो से धकेलते हुए हाथो, पेरो और हिप थ्रो आदि दावो का प्रयोग कर एक दुसरे को पछाड़ने का प्रयास करते है जुडो के खेल में हर और जीत का फेसला तीन प्रकार से होता है
नागेवाजा:
इसमें जब एक खिलाडी अपने विपक्षी के दाव को विफल कर या अपने दाव के सटीक प्रयोग से उसे पीठ के बल चित कर देता है या फिर जुड़े का ही विपक्षी पर दाव लगाकर उसे कंधे से ऊपर उठाकर जमीन पर पटक दे
कतामवाजा:
इसके अंतर्गत जुडो का विपक्षी को जमीन पर पटककर होल्डिंग डाउन दाव से फसा ले और विपक्षी असमर्थ होकर दो बार जमीन पर हाथ पटक कर हार स्वीकार कर ले या मुह से में हरा कह दे या फिर जुडो का विपक्षी को 30 सेकण्ड तक जमीन पर दबाये रखे और विपक्षी अपने को छुड़ा न पाए या फिर स्ट्रेंगल चाप लॉक या आर्म लॉक दावों का प्रयोग कर विपक्षी को हार मानने पर मजबूर कर दे इन दावों के लगते ही रेफ्री दाव लगाने वाले को पॉइंट देकर उन्हें छुड़ा देता है यदि दोनों खिलाडी कुश्ती के दोरान बराबर अंक प्राप्त करते है तो जिस खिलाडी में जुडो में शिष्टाचार निभाते हुए सफाई से सटीक दावो का प्रयोग किया हो उसे निर्णायक मंडल विजय घोषित करता है इसके आलावा यदि दोनों खिलाडी अच्छा प्रदर्शन कर बराबर अंक प्राप्त करते है तो उन्हें बराबर घोषित किया जाता है इसके अतरिक्त यदि कोई खिलाडी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और न ही निर्धारित समय सीमा में पॉइंट प्राप्त पाए तो ऐसे खिलाडियों को भी बराबर घोषित कर दिया जाता है खेल में किसी खिलाडी के घायल होकर मुकाबला छोड़ने की स्थिति में दुसरे खिलाडी को जीता हुआ माना जाता है बसरते निर्णायक मंडल यह अनुभव करे की खिलाडी को जानबूझकर गलत तरीके से दाव लगाकर चोट तो नहीं पहुचाई गई है मुकाबले के बीच में यदि कोई खिलाडी आगे लड़ने से माना कर दे तो उसे हारा हुआ माना जाता है जुडो में विजय अंक प्राप्त करने को इप्पन कहाँ जाता है ओपन जुडो की या हेविवेट की कुशतियों में दोनों खिलाडियों की चुस्ती फुर्ती से एक अंक ही प्राप्त करना बहुत मुस्किल होता है और अक्शर रेफ्री को दावो को सफाई और शिष्टाचार के आधार पर ही फेसला देना होता है
अनुशासन:
जुडो खेल को बहुत ही अनुशासित तरीके से खेला जाता है नियमो का ठीक ठीक पालन करना बहुत ही जरुरी समझा जाता है नियम के मुताबिक खिलाडी एक दुसरे की पोशाक ठीक से पकड़कर ही जुडो कुश्ती को शुरू करते है निर्णायक के निर्णय की इज्जत करना हर खिलाडी का पहला कर्तव्य होता है गलत तरीके से पकड़ना, दाव लगाना , क्रोध करना , जानबूझकर खतरनाक चोट पहचाना, रेफ्री के निर्णय को आलोचना करना आदि को गलत माना जाता है
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1. नागेवाजा (फेकना)
2. कतामेबाजा (पकड़ना)
3. अतेभिवाजा (पीटना)
इन तीनो में तीसरा अतेभिवाजा का निषेध है क्युकी इसके अंतर्गत वे सभी दाव आते है जो खेल भावना के विपरीत होते है जुडो की पोशाक के बारे में हम पहले ही बता चुके है मैदान दोनों खिलाडी आकर पहले दोनों निर्णयको तथा एक रेफ्री को अभिवादन कर फिर एक दुसरे के सामने खड़े होकर पहले झुककर अभिवादन करते है बाद में पीछे हटकर रेफ्री के इशारे पर लड़ने के लिए आगे आते है दोनों खिलाडी आगे बढ़कर एक हाथ में बाह के पास पोशाक पकड़ते है और तभी एक दुसरे को दाये-बाये आगे पीछे हाथो से धकेलते हुए हाथो, पेरो और हिप थ्रो आदि दावो का प्रयोग कर एक दुसरे को पछाड़ने का प्रयास करते है जुडो के खेल में हर और जीत का फेसला तीन प्रकार से होता है
नागेवाजा:
इसमें जब एक खिलाडी अपने विपक्षी के दाव को विफल कर या अपने दाव के सटीक प्रयोग से उसे पीठ के बल चित कर देता है या फिर जुड़े का ही विपक्षी पर दाव लगाकर उसे कंधे से ऊपर उठाकर जमीन पर पटक दे
कतामवाजा:
इसके अंतर्गत जुडो का विपक्षी को जमीन पर पटककर होल्डिंग डाउन दाव से फसा ले और विपक्षी असमर्थ होकर दो बार जमीन पर हाथ पटक कर हार स्वीकार कर ले या मुह से में हरा कह दे या फिर जुडो का विपक्षी को 30 सेकण्ड तक जमीन पर दबाये रखे और विपक्षी अपने को छुड़ा न पाए या फिर स्ट्रेंगल चाप लॉक या आर्म लॉक दावों का प्रयोग कर विपक्षी को हार मानने पर मजबूर कर दे इन दावों के लगते ही रेफ्री दाव लगाने वाले को पॉइंट देकर उन्हें छुड़ा देता है यदि दोनों खिलाडी कुश्ती के दोरान बराबर अंक प्राप्त करते है तो जिस खिलाडी में जुडो में शिष्टाचार निभाते हुए सफाई से सटीक दावो का प्रयोग किया हो उसे निर्णायक मंडल विजय घोषित करता है इसके आलावा यदि दोनों खिलाडी अच्छा प्रदर्शन कर बराबर अंक प्राप्त करते है तो उन्हें बराबर घोषित किया जाता है इसके अतरिक्त यदि कोई खिलाडी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और न ही निर्धारित समय सीमा में पॉइंट प्राप्त पाए तो ऐसे खिलाडियों को भी बराबर घोषित कर दिया जाता है खेल में किसी खिलाडी के घायल होकर मुकाबला छोड़ने की स्थिति में दुसरे खिलाडी को जीता हुआ माना जाता है बसरते निर्णायक मंडल यह अनुभव करे की खिलाडी को जानबूझकर गलत तरीके से दाव लगाकर चोट तो नहीं पहुचाई गई है मुकाबले के बीच में यदि कोई खिलाडी आगे लड़ने से माना कर दे तो उसे हारा हुआ माना जाता है जुडो में विजय अंक प्राप्त करने को इप्पन कहाँ जाता है ओपन जुडो की या हेविवेट की कुशतियों में दोनों खिलाडियों की चुस्ती फुर्ती से एक अंक ही प्राप्त करना बहुत मुस्किल होता है और अक्शर रेफ्री को दावो को सफाई और शिष्टाचार के आधार पर ही फेसला देना होता है
अनुशासन:
जुडो खेल को बहुत ही अनुशासित तरीके से खेला जाता है नियमो का ठीक ठीक पालन करना बहुत ही जरुरी समझा जाता है नियम के मुताबिक खिलाडी एक दुसरे की पोशाक ठीक से पकड़कर ही जुडो कुश्ती को शुरू करते है निर्णायक के निर्णय की इज्जत करना हर खिलाडी का पहला कर्तव्य होता है गलत तरीके से पकड़ना, दाव लगाना , क्रोध करना , जानबूझकर खतरनाक चोट पहचाना, रेफ्री के निर्णय को आलोचना करना आदि को गलत माना जाता है
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