संविधान उन लिखित या अलिखित नियमो तथा कानूनों का समूह है जिसके द्वारा सरकार का संगठन, सरकार की शक्तियों का विभिन्न अंगो में विवरण और इन शक्तियों के प्रयोग के सामान्य सिद्धांत निश्चित किये जाता है
संविधान उन नियमो तथा कानूनों का समूह है जिसके द्वारा सरकार का संगठन, सरकार की शक्तियों का विभिन्न अंगो में विवरण और इन शक्तियों के प्रयोग के सामान्य सिद्धांत निश्चित किये जाता है
संविधान किसी भी देश का उस देश की जनता, नेता एवं महान शिक्षाविद के सर्वसम्मति से लिखित या मौखिक एक ऐसा पीठ है जो किसी देश के अंदर सभी नागरिकों को संविधान के अनुसार चलना है तथा न्याय/अन्याय का उचित न्याय इस संविधान द्वारा ही तय होता है।
आज का संविधान द्वीभाषी विघटन कारी भेदभाव पूर्ण अब्यावहारिक राजनीतिक और विरोधाभासी है संविधान में सारी ताक़त सारे लाभ सारे छूट सभी सुख सुविधाओं संसाधनों के दोहन का अधिकार विधाईका कार्यपालिका न्यायपालिका और मीडिया तक ही सीमित है।आम ग़रीब के लिए दोगला है सिद्ध करके बता सकताहूँ,नौकरी और शैक्षिक संस्थाओं में २३% आरक्षण में २१% आरक्षण का लाभ उन्ही के लड़कों को मिलता है जो आरक्षण का लाभ ले चुके है जो शासन प्रशासन में कार्यरत है सम्पन्न और सक्षम है शेष उनसे बचा हुआ २%आम गरीब के लड़कों को मिलता है,राष्ट्रपति लोकसभा अध्यक्ष मुख्य मंत्री चुना हुआ प्रतिनिधि IAS IPS pcs pps etc.के लड़के एक ग़रीब योग्य लड़के की अपेक्षा सारे छूट लाभ प्राप्त करते है अंग्रेजो के दमन से भी ज़्यादा ख़तरनाक भारत का संविधान है अंग्रेज़ तो चले गए लेकिन फूट डालो राज करो की अपनी नितिया संविधान के रूप में छोड़ गए ।
संविधान किसी भी देश का लिखित एवं विशिष्ट दस्तावेज हैं जो सरकार एवं जनता के उत्तरदायित्व का उल्लेख करता है एवं सरकार एवं जनता के बीच एक विशिष्ट संबंध स्थापित करता है संविधान कहलाता है
Des ko suvavsathith aur karmbadhit dang se chalane ke liye jo niyam lipibadh h vahi savindhan kahlata h
ReplyDeleteDes ko suvavsathith aur karmbadhit dang se chalane ke liye jo niyam lipibadh h vahi savindhan kahlata h
ReplyDeleteसंविधान उन नियमो तथा कानूनों का समूह है जिसके द्वारा सरकार का संगठन, सरकार की शक्तियों का विभिन्न अंगो में विवरण और इन शक्तियों के प्रयोग के सामान्य सिद्धांत निश्चित किये जाता है
ReplyDeleteसंविधान किसी भी देश का उस देश की जनता, नेता एवं महान शिक्षाविद के सर्वसम्मति से लिखित या मौखिक एक ऐसा पीठ है जो किसी देश के अंदर सभी नागरिकों को संविधान के अनुसार चलना है तथा न्याय/अन्याय का उचित न्याय इस संविधान द्वारा ही तय होता है।
ReplyDeleteयही संविधान है।
बहुत अच्छा
DeleteThank you for the defenations
ReplyDeleteसंविधान वह नियम व व्यवस्था है। जो व्यक्ति के कर्तव्य व अधिकार एवं राज्य के कर्तव्य व अधिकार के बीच समन्वय स्थापित करता है|
ReplyDeleteआज का संविधान द्वीभाषी विघटन कारी भेदभाव पूर्ण अब्यावहारिक राजनीतिक और विरोधाभासी है संविधान में सारी ताक़त सारे लाभ सारे छूट सभी सुख सुविधाओं संसाधनों के दोहन का अधिकार विधाईका कार्यपालिका न्यायपालिका और मीडिया तक ही सीमित है।आम ग़रीब के लिए दोगला है सिद्ध करके बता सकताहूँ,नौकरी और शैक्षिक संस्थाओं में २३% आरक्षण में २१% आरक्षण का लाभ उन्ही के लड़कों को मिलता है जो आरक्षण का लाभ ले चुके है जो शासन प्रशासन में कार्यरत है सम्पन्न और सक्षम है शेष उनसे बचा हुआ २%आम गरीब के लड़कों को मिलता है,राष्ट्रपति लोकसभा अध्यक्ष मुख्य मंत्री चुना हुआ प्रतिनिधि IAS IPS pcs pps etc.के लड़के एक ग़रीब योग्य लड़के की अपेक्षा सारे छूट लाभ प्राप्त करते है अंग्रेजो के दमन से भी ज़्यादा ख़तरनाक भारत का संविधान है अंग्रेज़ तो चले गए लेकिन फूट डालो राज करो की अपनी नितिया संविधान के रूप में छोड़ गए ।
ReplyDeleteThanks to allot
ReplyDeleteAccording chahiye
ReplyDeleteThank you sooo much
ReplyDeleteThanks🤗
ReplyDeleteकिसी भी देश का संविधान उस देश का सर्बोचच दस्ताबेज होता है जिसमे शासन के संचालन सम्बंधित मौलिक नियम होते हैं।
ReplyDeleteसंविधान किसी भी देश का लिखित एवं विशिष्ट दस्तावेज हैं जो सरकार एवं जनता के उत्तरदायित्व का उल्लेख करता है एवं सरकार एवं जनता के बीच एक विशिष्ट संबंध स्थापित करता है संविधान कहलाता है
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