टैली का प्रयोग अकाउंट में लेखा जोखा रखने के लिए किया जाता है, लेकिन टैली का क्या इतिहास है और इसका विकास कैसे हुआ और क्या कारण थे की टैली इतना फेमस सॉफ्टवेयर बन गया है, आज के इस लेख में हम इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानेगे. टैली की फुल फ्रॉम है Transactions Allowed in a Linear Line yards. टैली भारत का एक बहुत पोपुलर एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, इसका प्रयोग 10 लाख से ज्यादा यूजर करते है, इसका विकास Tally Solutions Pvt. Ltd. के द्वारा किया गया है, Tally Solution Pvt Ltd का हेडक्वाटर बेंगलोर में है, जब भी कोई एकाउंटिंग का रिकॉर्ड कंप्यूटर में रखें के बारे में सोचता है तो इसके लिए सबसे पहले जिस सॉफ्टवेयर का नाम दिमाग में आता है वो है टैली, आज अधिकतर छोटी या बड़ी कंपनिया एकाउंटिंग के लिए टैली का ही प्रयोग करती है, Tally Solution Pvt Ltd को पहले Peutronics के नाम से जाना जाता था, टैली का विकास सन १९८६ में श्री श्याम सुनदर गोयनका और उनके पुत्र भारत गोयनका के द्वारा मिलकर किया गया था, तब श्याम सुन्दर गोयनका एक कंपनी का सञ्चालन करते थे जिसके अंतर्गत वे दुसरे प्लांट और टेक्सटाईल मिलो को कच्चा मॉल और पार्ट्स की सप्लाई करते थी, उनके पास अपने व्यापर का लेखा जोखा कंप्यूटर में रखने के लिए कोई सॉफ्टवेयर नहीं था जिसमे वे अपने कम्पनी का लेखा जोखा रख सके, तब उन्होंने अपने बेटे भारत गोयनका से कहा की एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाओ जिसमे हम अपने कारोबार का लेखा जोखा कंप्यूटर में आसानी से रख सके, इसके बाद भारत गोयनका ने सबसे पहले अकाउंट के लिए सॉफ्टवेयर MS-DOS बनाया, जिसमे कुछ बेसिक फीचर थे जिनके माध्यम से अकाउंट को मैनेज किया जा सके और इस सॉफ्टवेयर का नाम इन्होने Peutronics Financial Accountant रखा, इसके बाद इन्होने १९८८ में इसका नाम बदलकर टैली रख दिया, १९९९ में इन्होने कंपनी का नाम बदलकर टैली सलूशन रख दिया, उसके बाद २००१ में सैली सलूशन ने tally 6.3 नया वर्शन लांच किया, ये वर्शन कुछ एडवांस था और इसका प्रयोग अकाउंट के साथ साथ एजुकेशन के लिए भी किया जा सकता था, और इस वर्शन में लाइसेंस की सुविधा भी मोजूद थी, वर्ष 2005 में टैली के एक नए वर्शन tally 7.2 को बाजार में उतरा गया जिसमे VAT (Value Added Taxation) की सुविधा भी थी, और ये भारत के users के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ, इसके बाद टैली सलूशन ने वर्ष 2006 में टैली के दो और नये वर्शन tally 8.1 और tally 9 लांच किये ये दोनों वर्शन Maultilingual वर्शन थे यानी इन्हें अन्य भाषाओ में भी प्रयोग किया जा सकता था, इसके बाद टैली का सफ़र अभी थमा नहीं है टैली सलूशन ने वर्ष 2009 में tally ERP 9 को लांच किया जो एक Business Management Solution था, वर्ष 2016 में tally solution pvt ltd. GST सर्वर और टैक्स पेयर्स के बीच में इंटरफ़ेस के प्रदान करने के लिए GST की सुविधा के साथ tally Solution को सेलेक्ट किया गया है, वर्ष 2017 में टैली सलूशन ने नया GST Compliance को लांच किया है,
आगे इस लेख में हम टैली से सम्बंधित अति महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में जानेगे, अगर आप अकाउंट के क्षेत्र से सम्बन्ध रखते है तो इन प्रश्नों के बारे में आपको पता होना बहुत ही आवश्यक है तो चलिए शुरू करते है,
- टैली को Tally Solution नामक कंपनी के द्वारा विकसित किया गया है
- टैली में वितीय वर्ष १ अप्रेल से आरंभ होता है,
- जब भी टैली को शुरू किया जाता है तो इसमें सबसे पहले Company Info मेनू देखाई देता है,
- यदि आपने टैली में कोई कंपनी बनायीं है तो आप उसमे बदलाव Alter नामक आप्शन के द्वारा कर सकते है,
- टैली में २८ ग्रुप होते है
- टैली में 15 प्राइमरी ग्रुप होते है, और 13 सेकंड्री ग्रुप होते है
- ERP का पूरा नाम Enterprise Resource Planning होता है,
- टैली के होम स्क्रीन को Gateway of tally कहते है,
- ODBC का पूरा नाम Open data base connectivity है
- टैली में Cash in Hand को क्रिएट करने के जरुरत नहीं होती है ये अकाउंट पहले से ही बना होता है,
- टैली में किसी कर्मचारी की सैलरी Pay Roll में दिखाई देती है,
- सैलरी Indirect expense ग्रुप में आता है,
- day book को वाउचर में देखा जा सकता है,
- किसी कंपनी को डिलीट करने के लिए Alter का प्रयोग किया जा सकता है
- टैली में Predefine group को statutory group भी कहते है,
- सैलरी, किराया और ब्याज का भुगतान पेमेंट के अंतर्गत किया जाता है,
- टैली में यदि कोई ब्याज प्राप्त होता है तो उसकी एंट्री जर्नल वाउचर में करते है,
- टैली में प्राप्त ब्याज, कमीशन या किराये का रिकॉर्ड रिसीप्ट में की जाती है,
- टैली में कंपनी फीचर में 3 विकल होते है,
Tally is a accounting software
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