भारतीय संविधान के रचयेता डॉ. भीमराव आंबेडकर के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे, डॉ. भीमराव अम्बेकर 64 विषयों में मास्टर थी, इसके अलावा उन्हें 9 (हिन्दी, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पाली, संस्कृत, पर्शियन और गुजराती) भाषाओ का अच्छ ज्ञान था, डॉ. भीमराव अम्बेकर ने 21 वर्षो तक दुनिया के सभी धर्मो की तुलना के लिए पढाई की थी, लेकिन क्या आपको पता है की बाबा साहेब की गिनती भारत के सबसे ओजस्वी लेखको में होती है, बाबा साहेब को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्वर दुनिया का नंबर ओने स्कॉलर घोषित किया गया था, बाबा साहेब अपनी डिग्रियों और उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तकों के लिए भी विश्व विख्यात है, डॉ. भीमराव अम्बेकर के द्वारा अनेको किताबे लिखी गयी थी जिनमे से सबसे प्रसिद्ध किताबो में “जाति का उच्छेद” और “रूपये की कीमत” है डॉ. भीमराव के निजी पुस्तकालय (Library) जिसका नाम राजगृह है उसमे 50000 से भी ज्यादा किताबे मोजूद थी, जो दुनिया का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था,
डॉ. भीमराव अम्बेकर के द्वारा लिकी गयी किताबो – भारत का राष्ट्रीय अंश (1916), भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण (1916), भारत में लघु कृषि और उनके उपचार (1917), मूल नायक (1920), ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवादी वित्त का विकेंद्रीकरण (1921), रुपये की समस्या: उद्भव और समाधान (1923), ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त का अभ्युदय (1925), बहिष्कृत भारत (1927), जनता (1930), जाति का उच्छेद (1937), संघ बनाम स्वतंत्रता (1939), पाकिस्तान पर विचार (1940), श्री गाँधी एवं अछूतों की विमुक्ति (1942), रानाडे, गाँधी और जिन्ना (1943), कांग्रेस और गाँधी ने अछूतों के लिए क्या किया (1945), शूद्र कौन और कैसे (1948), महाराष्ट्र भाषाई प्रान्त (1948), और भगवान बुद्ध और उनका धर्म (1957) आदि पुस्तके डॉ. भीम राव अम्बेकर के द्वारा लिखित सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में से है.
Hi
ReplyDelete