आप भी हाथ में घडी पहनते होंगे, अगर नहीं भी पहनते है, तो सायद कभी तो पहनी ही होगी, और यदि नहीं भी पहनी है, तो दुसरो को तो पहनते देखा ही होगा, या फिर आपके घर में तो घडी का प्रयोग अवश्य ही होता होगा,
आप सभी घडी का प्रयोग सही समय का पता लगाने के लिए करते है, लेकिन क्या आपने इन घडियो में कोई कॉमन बात देखी है, अगर नहीं तो हम आपको बताते है, कि आखिर वो क्या है जो अधिकतर घडियो में समान होती है, वो है इन सभी घडियो में एक शब्द का कॉमन लिखा होना, और वो शब्द है Quartz, ये शब्द लगभग सभी घडियो में लिखा होता है, लेकिन Quartz किसी कंपनी का नाम नहीं है, तो फिर ये शब्द ज्यादातर कम्पनियां अपनी घड़ियों में क्यों लिखती है, इसके पीछे क्या वजह है, तो चलिये जानते है, इस शब्द के सभी घड़ियों में लिखे होने का
क्या राज है.
सबसे पहले Quartz के बारे में जान लेते है, quartz किसी कंपनी का नाम नहीं है, और ना ही किसी व्यक्ति का नाम बल्कि quartz एक टाइमिंग टेक्नोलॉजी का नाम है, इस टेक्नोलॉजी को जो कम्पनियां अपनी घड़ियों में इस्तेमाल करते है, वो इस शब्द को अपनी घड़ियों में लिखती है, जो ये बताता है, इस घडी में quartz टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है, पुराने समय की घड़ियाँ सटीक समय नहीं बता पाती थी, इस समस्या के समाधान quartz का प्रयोग करके निकला गया, वास्तव में quartz इस प्रकार का क्रिस्टल होता है, इस क्रिस्टल में सिलिकॉन और ऑक्सीजन परमाणु होते हैं जो एक सेकंड में 32786 बार कम्पन करता है, घडी में एक फ्लिप-फ्लॉप नाम का उपकरण होता है, जो आवृत्ति को आधा कर देता है, घडी में पूरी तरह से 15 फ्लिप-फ्लॉप होते हैं जो अंततः 1 हर्ट्ज तक कम हो जाते हैं और इसी के कारण घडी में सेकेंड वाली सुई को हैंड हिल किया जाता है, अर्थात quartz के द्वारा किये गए कम्पन के कारण ही घडी की जो मशीन होती है, उसे सिग्नल मिलता है, जिससे सेकंड वाली सुई मूव करती है, और इसी के आधार पर मिनट और घंटे की सुइयां भी मूव करती है, कम्पन्न के कारण ही घडी की सुइयों को आगे बढ़ने का आदेश मिलता है, जिसके कारण घडी की सभी सुइयां लगातार चलती रहती है, इसीलिये जो भी कंपनी अपनी घडी में quartz टेक्नोलॉजी का प्रयोग करती है, वो घडी में quartz लिखती है,
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