भारत के योजना आयोग का संविधान में कोई उल्लेख नहीं है अतः इस आयोग का गठन एक परामर्शदात्री व विशेषज्ञ संस्था के रूप में सरकार के एक प्रलेख के द्वारा इसका गठन हुआ था। इसी कारण से योजना आयोग के स्वरूप और संगठन में सरकार के द्वारा समय - समय पर परिवर्तन किये जाते रहे। योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधान मन्त्री होता है। भारतीय योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष उस समय के तत्कालीन प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को बनाया गया था। और उनके साथ 5 पूर्णकालीन सदस्यो को मनोनीत किया गया। आयोग के सदस्यो के रूप में समय-समय पर इसमें मंत्रियो और विद्वानों को मनोनीत किया जाता रहा है। और प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष बने रहते है। इस आयोग के अध्यक्ष और सदस्यो का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता है। और इसका सदस्य बनने के लिए कोई निश्चित योग्यता भी निर्धारित नहीं की गयी है।
योजना आयोग के कार्य :-
- देश के भौतिक पूँजीगत और ;मानवीय संसाधनों का अनुमान लगाना।
- राष्ट्रीय के उपलब्ध संसाधनों के अधिक से अधिक प्रभावी उपयोग के लिए योजना तैयार करना।
- योजना के विभिन्न चरणों का निर्धारण करना और प्राथमिकता के आधार पर संसाधनों का संसाधनों के आवंटन का प्रस्ताव करना।
- योजना आयोग समय-समय पर केन्द्रीय और राज्य सरकारों के द्वारा विशेष समस्याओ पर राय माँगने पर अपनी सलाह देना।
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