ब्लूटूथ के बारे में तो आप सभी जानते ही है इस नाम से सायद कोई इन्सान होगा जो अपरिचित होगा लेकिन क्या आप ये भी जानते है की इस ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी की खोज केसे हुई और इसका इतिहास क्या है अगर नहीं तो आज हम इसी बारे में जानेगे
ब्लूटूथ डाटा को एक्सचेंज करने की एक वायरलेस टेक्नोलॉजी है इस टेक्नोलॉजी की द्वारा डाटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में सेंड किया जाता है ब्लूटूथ की सहायता से आप किसी भी डिवाइस से डाटा को बिना किसी केबल से सेंड और रिसीव कर सकते है ब्लूटूथ से माध्यम से आप कई डिवाइस को एक साथ कनेक्ट कर सकते है और डाटा को शेयर कर सकते है या फिर गेम भी खेल सकते है एक ब्लूटूथ डिवाइस से अधिकतम सात डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है लेकिन सभी डिवाइस में इस लिमिट को फिक्स नहीं किया जा सकता है
ब्लूटूथ को बहुत कम दुरी के लिए ही प्रयोग किया जाता है इस टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खास बात ये है की ये बिना केबल सस्ती और स्व्य्चलित टेक्नोलॉजी है . ब्लूटूथ में एक विशेष प्रकार की रेडियो टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है जिसे फ्रीक्वेंसी हापिंग फले स्ट्रीम कहा जाता है जो २४०० से २४८३.5 MHz फ्रिक्वेंसी रेंज तक होता है हलाकि ब्लूटूथ की स्पीड Wifi की स्पीड से काफी कम होती है फिर भी ब्लूटूथ ने अपनी इस स्पीड को इम्प्रूव किया है ब्लूटूथ की डाटा एक्सचेंज स्पीड 1 से 3 MBit है
ब्लूटूथ की खोज १९९४ में हार्टसन की द्वारा की गयी थी हार्टसन नीदरलेंड रेडियो टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे थे वाही पर इन्होने ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया ब्लूटूथ का नाम १०वीं सदी के राजा हेराल्ड ब्लेकंट के नाम पर रखा गया था
20 मई 1999 को ब्लूटूथ स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप SIG की स्थापना की गयी ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी को IEEE802-151 से नाम से भी जाना जाता है ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी 2008 में बहुत फेमस हुई उस टाइम केवल 5% मोबाइल में ही ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन आज 95% से ज्यादा मोबाइल में ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध है .
ब्लूटूथ के शुरुआत से अब तक बहुत सरे परिवर्तन हुए है और ब्लूटूथ की स्पीड को काफी बढाया गया है ब्लूटूथ के पांच वर्जन है पहला वर्जन 1.1 था जिसे अपडेट करके 1.2 वर्जन आया उसके बाद 2.2 plus EDR, 3.0 Plus HB और वर्जन 4 है ब्लूटूथ की स्पीक कम थी इसलिए इसकी स्पीक को बढाकर इसके नये वर्जन बाजार में आते रहे है .
अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी है तो आप कमेंट करके बता सकते है और अगर आपको कोई सवाल पूछना है तो आप comment से माध्यम से या फिर Ask Your Question पर जाकर आपने प्रश्न पूछ सकते है।
ब्लूटूथ डाटा को एक्सचेंज करने की एक वायरलेस टेक्नोलॉजी है इस टेक्नोलॉजी की द्वारा डाटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में सेंड किया जाता है ब्लूटूथ की सहायता से आप किसी भी डिवाइस से डाटा को बिना किसी केबल से सेंड और रिसीव कर सकते है ब्लूटूथ से माध्यम से आप कई डिवाइस को एक साथ कनेक्ट कर सकते है और डाटा को शेयर कर सकते है या फिर गेम भी खेल सकते है एक ब्लूटूथ डिवाइस से अधिकतम सात डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है लेकिन सभी डिवाइस में इस लिमिट को फिक्स नहीं किया जा सकता है
ब्लूटूथ को बहुत कम दुरी के लिए ही प्रयोग किया जाता है इस टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खास बात ये है की ये बिना केबल सस्ती और स्व्य्चलित टेक्नोलॉजी है . ब्लूटूथ में एक विशेष प्रकार की रेडियो टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है जिसे फ्रीक्वेंसी हापिंग फले स्ट्रीम कहा जाता है जो २४०० से २४८३.5 MHz फ्रिक्वेंसी रेंज तक होता है हलाकि ब्लूटूथ की स्पीड Wifi की स्पीड से काफी कम होती है फिर भी ब्लूटूथ ने अपनी इस स्पीड को इम्प्रूव किया है ब्लूटूथ की डाटा एक्सचेंज स्पीड 1 से 3 MBit है
ब्लूटूथ की खोज १९९४ में हार्टसन की द्वारा की गयी थी हार्टसन नीदरलेंड रेडियो टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे थे वाही पर इन्होने ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया ब्लूटूथ का नाम १०वीं सदी के राजा हेराल्ड ब्लेकंट के नाम पर रखा गया था
20 मई 1999 को ब्लूटूथ स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप SIG की स्थापना की गयी ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी को IEEE802-151 से नाम से भी जाना जाता है ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी 2008 में बहुत फेमस हुई उस टाइम केवल 5% मोबाइल में ही ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध थी लेकिन आज 95% से ज्यादा मोबाइल में ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध है .
ब्लूटूथ के शुरुआत से अब तक बहुत सरे परिवर्तन हुए है और ब्लूटूथ की स्पीड को काफी बढाया गया है ब्लूटूथ के पांच वर्जन है पहला वर्जन 1.1 था जिसे अपडेट करके 1.2 वर्जन आया उसके बाद 2.2 plus EDR, 3.0 Plus HB और वर्जन 4 है ब्लूटूथ की स्पीक कम थी इसलिए इसकी स्पीक को बढाकर इसके नये वर्जन बाजार में आते रहे है .
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